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कोबरा और कौवे कहानी Panchatantra Moral Stories Hindi

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एक बार की बात है एक बहुत बड़े राज्य के पास एक छोटा सा जंगल था। उस जंगल में एक बड़ा सा बरगद का पेड़ था जिसमें दो पति और पत्नी कौवे अपने घोसले में रहते थे। उसी पेड़ के निचले भाग में एक खोखले तनें में एक बड़ा कोबरा सांप रहता था।
उस सांप की वजह से वे दोनों कौवे बहुत ही परेशानी में थे क्योंकि जब भी कौवे के अण्डों से बच्चे निकलते वह सांप उन्हें खा जाता और दोनों कौवे देखते ही रह जाते। वे उन्हें बचाने के लिए कुछ भी नहीं कर सकता था क्योंकि सांप बहुत ही ताकतवर था और वो कमज़ोर।
सांप के बार-बार ऐसे करने से परेशान हो कर दोनों कौवे तंग आगये और वे एक सियार के पास पहुंचे। उन दोनों कौवों नें अपनी धुक भरी दास्तान रोते हुए सियार को बताया और उस सांप को भगाने का तरिका माँगा। सियार नें उत्तर दिया – दोस्तों चिंता मात करो मेरे पास एक योजना है जिससे की हम उस कोबरा को वहां से जिवन भर के लिए भगा सकते हैं।यह सुनते ही कौवों के मन को थोड़ी थांती मिली और वे हड़बड़ी में पूछने लगे – क्या सच में मित्र ! हमें वो रास्ता जल्द से जल्द बताओ। सियार नें उन्हें वो योजना बताया और कहा – पास के राज्य में जाओ और किसी भी पैसे वाले के घर जा कर किसी मूल्यवान वस्तु को उनके सामने दिखा कर ले आना। उन्हें दिखाते-दिखाते वह सामान लाकर सांप के बिल में डाल देना।यह सुनते ही उनमें से एक कौवा राज्य की ओर उड़ के चले गया। जब वह राज्य पहुँचा तो उसने देखा की राज्य की राजकुमारी तालाब में नाहा रही है और उसके सैनिक पानी के बहार उनके आभूषण की निगरानी कर रहे हैं। उसी समय कौवे नें उन आभूषणों में से एक सुन्दर हार को अपने चोंच में लिया और सैनिकों को दिखा कर सामने से उड़ने लगी। जब सैनिकों नें देखा की एक कौवा राजकुमारी के हार को ले कर उसते जा रहा है वो उसका पीछा करने लगे। कौवा धीरे-धीरे उड़ रहा था जिससे की सैनिक आराम से उसका पीछा कर सकें। जब वह अपने घर उस बरगद के पेड़ पर पहुँचा उसने सैनिकों के सामने उस हार को सांप के बिल में डाल दिया और उड़ कर पास ले दुसरे पेड पर जा कर बैठ गया।तब सभी सैनिक उस बिल में लकड़ी की मदद से उस हार को निकलने की कोशिश करने लगे। बहार की आवाज़ सुन कर सोया हुआ सांप उठ गया और बहार निकला यह देखने के लिए की आखिर हो क्या रहा है। जब सैनिकों नें सांप को देखा तो वे चौंक गये और भाले और चाकू की मदद से उसे मार दिया।

कहानी से शिक्षा :जितना भी शक्तिशाली दुश्मन हो दिमाग की शक्ति से उसे पराजित किया जा सकता है।

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