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कम्प्यूटर या लेपटाॅप में लगा हुआ फेन कम्प्यूटर का एक बहुत ही जरूरी हिस्सा होता हैं। कम्प्यूटर पर जब बहुत ज्यादा समय तब काम किया जाता है तो कम्प्यूटर के पार्ट काफी गर्म हो जाते हैं। जो आपके कम्प्यूटर के भीतरी हिस्सो को नुकसान पहुँचाते हैं। इस लिये इन गर्म होने वाले पार्टस को गर्म होने से रोकने के लिये फैन का प्रयोग किया जाता हैं लेकिन कभी-कभी मौजूदा फैन अपना काम ढंग से नहीं कर रहा होता हैं यदि आप अपने फैन को अधिक ताकतवर बनाना चाहते है या कम आवाज करने वाला फैन लगाना चाहते है तो इससे संबधित जानकारी आज हम आपको इस लेख मे आपको दे रहे है। सबसे पहले ये जरूरी है कि आपको पता हो की आपके कम्प्यूटर में कितने फैन चाहिए होते है। आपका पीसी कूल रहें इसके लिये आपके पास एक प्रोसेसर सहित कम से कम तीन फैन होने चाहिये और यदि आपका अधिक शक्तिशाली है तो और अधिक शक्तिशाली फैन की जरूरत पड़ेगी। यदि आपका फैन उतना शक्तिशली नहीं है या अपका कॅम्प्यूटर जितनी गरमी पैदा कर रहा है उसके प्रभाव को खत्म करने के लिये मौजूदा फेेन काफी नही हैं तो आपके कम्प्यूटर और उसके कम्पोनेट को लाइफटाइम नुकसान हो सकता हैं कूलिंग सिस्टम में कितने झारोखे होते हैं। आपके सिस्टम यूनिट मे हर तरफ कम से कम दो खुली ओपनिंग होनी चाहिये। ऐसा इसलिये कि फेन जो हवा पैदा कर रहा है उसे बाहर निकलने की पूरी जगह मिलें। सिस्टम यूनिट के उपलब्ध स्पेस के आकार को देखते हुए कम्प्यूटर को ठंडा करने वाले हार्डवेयर और कम्प्यूटर के किस्म को चुनें। इनका डाॅयमेन्शन इंच में होते है इनका रूप कुछ इस प्रकार होता है 90x80x25 मिलीमीटर, फैन कई प्रकार के होते है प्रोसेसर, ग्राफिक्स कार्ड, वीजीए, मदरबोर्ड, चिपसेट आदि के लिये अलग-अलग फैन होते है। क्वालिटी को ध्यान में रखकर जरूरी है फैन इन्टेल या ए0एम0डी कम्पनी का होना चाहिये। यह प्रोसेसर के हिसाब से ही आते हैं फैन ऐसा हो जिसमे हवा का अधिकतम स्पीड हो फैन का निर्माण हवा प्रति मिनट कितने क्यूबिक पैदा होती है इस पर निर्भर होता है। मतलब यदि ये ज्यादा हो तो फैन अधिक ठण्डा करेगा। हवा की निकासी आमतौर पर 30 और 70 जीएफएम होती है। फैन के पंखे के घूमने की रफतार को प्रति मिनट मंे नापा जाता है रोटेशन प्रति मिनट यानि आरपीएम यह रफतार आमतौर पर 1200 और 4500 रिवाल्यूशन प्रति मिनट होती है। ये फैन एल्यूमिनियम और तांबा के बने होते है इसके साथ - साथ इसमे पीवीसी प्लास्टिक और अच्छे स्टील का भी प्रयोग होता है। फैन का चुनाव करते समय यह ध्यान रखे कि फैन की शोर या आवाज की लिमिट भी ठीक हो फैन को बनाते समय इसकी आवाज 15 से 40 डेसीबल मे मापी जाती है लेकिन ये वास्तव में 40 से 70 डेसीबल के बीच होती हैं। आपको ये बात ध्यान रखनी है की फैन की आवाज 60 डेसीबल से अधिक न हो। तो ये थी कम्प्यूटर फैन का चुनाव करते समय ध्यान रखने वाली खास बातें अगर आपके पास भी कोई सुझाव हो तो कमेन्ट के माध्यम से हमे जरूर बताये।
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