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जुडो व कराटे का खेल आज के आधुनिक यूग में ने केवल शिक्षित वर्ग के लिए बल्कि हर वर्ग के लिए विशेष रूचि का केन्द्र बना हुआ है ये खेल कब और कैसे शुरू हुआ इसके बारे में ठीक प्रकार से कहना बहुत मुस्किल है लेकिन ये जरुर कहा जा सकता है आज के विज्ञानिक युग में जब मनुष्य चाँद तक पहुच गया है और वहा एक नयी दुनिया बसने के बारे में सोच रहा है और मनुष्य की आत्मरक्षा के लिए अनेक प्रकार के अस्त्रों और सस्त्रो का अविष्कार हो चूका है जुडो के खेल से पता लगाया जा सकता है कि खेल का अविष्कार उस टाइम हुआ होगा जब इन्सान की आत्मरक्षा के लिए अस्त्र और सस्त्र नहीं होगे उस समय विज्ञानं इन इतनी तरक्की नहीं की होगी और अपने आप को शत्रु से बचने के लिए उसके पास हथियार नहीं होगे जेसा की हमें पता है जुडो एक जापानी खेल है इस लिए जापान के इतिहास को देखने से ये पता चलता है कि वह इस खेल की शुरुआत 16वी शताब्दी के आस पास हुई होगी इस समय ये जुडो का एक खेल नहीं बल्कि आत्मरक्षा के एक उपाय था उसके बाद जैसे जैसे विज्ञानं ने तरक्की की ये कला खेल के रूप में बदलती चली गयी और आज ये हालत है की हर देश में जुडो और कराटे की बाकायदा ट्रेनिंग या कोचिंग दी जाती है कुछ देशो में तो आज भी जापानी लोग ही जुडो कराटे सिखाने के लिए आमंत्रित किये जाते है जुडो इस इस लोकप्रियता के अनेक कारण है सबसे पहला कारण तो ये कि इस खेल को सिखने के लिए कोई आयु वर्ग की सीमा नहीं होती है इस खेल को कोई भी सिख सकता है चाहे वो बच्चा हो बुढा हो स्त्री हो या पुरुष हो सभी एक खेल को किसी भी उम्र में सीख सकते है और उसमे निपुर्नता प् सकते है और जुडो सिखने के बाद व्यक्ति अपने से दुगने बलवान व्यक्ति को भी परस्त कर सकता है
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