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एक ही स्रोत से प्रेरित विचार या तो सकारात्मक या नकारात्मक One Source – Positive or Negative

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एक ही स्रोत से प्रेरित विचार या तो सकारात्मक या नकारात्मक One Source – Positive or Negative
इस जीवन में सभी लोगों को किसी न किसी व्यक्ति या वस्तु से अपने अन्दर प्रेरित विचार उत्पन्न होते हैं । पर किसी भी व्यक्ति या चीज से प्रेरित विचार उत्पन्न करना मनुष्य के लिए बड़ी बात नहीं है।लेकिन बड़ी बात तो यह है की आप किस प्रकार के विषय से प्रेरित हो रहे हैं ! सकारात्मक या नकारात्मक ।
कभी कभी कुछ लोग एक ही स्रोत से प्रेरित विचार अपने अन्दर उत्त्पन्न करते हैं। हो सकता वह विचार सकारात्मक हो या नकारात्मक  । यह उस मनुष्य के ज्ञान और समजदारी पर निर्भर करता है कि वह किस तरीके से सोचता है उसे क्या करना चाहिए और क्या नहीं ।

एक ही स्रोत से प्रेरित विचार या तो सकारात्मक या नकारात्मक One Source – Positive or Negative

कहानी शीर्षक : दो भाइयों की कहानी

यह छोटी सी कहानी दो भाइयों की जो एक छोटे से शहर में रहते थे । उन दोनों भाइयों के स्वाभाव तथा विचारों में जमीन आसमान का फर्क था ।छोटा भाई बहुत ज्यदा नशीले पदार्थों का आदि था । दिनभर शराब पीया करता था और की अपने बीवी और बच्चों को पिटता था और बड़ा भाई बहुत बड़ा व्यापारी था जो अपने जीवन में अपने अच्छे कर्मों के कारण बहुत ही आगे बढ़ चूका था और अपने परिवार के लोगो को मान सम्मान देता था । यह बहुत ही सोचने वाली बात थी कि एक ही वातावरण तथा माता पिता के पालन पोषण के बाद भी उन दोनों के इस जमीन-आसमान वाले स्वाभाव का कारण क्या था ।
यह देखकर एक विद्वान व्यक्ति ने पहले उस छोटे भाई से प्रश्न किया और पुछा ! तुम ऐसा दुष्कर्म क्यों करते हो ? अपने परिवार के लोगों को शराब पी कर क्यों मारते पिटते हो ? उसने जवाब में कहा, मेरे पिता बहुत ज्यादा नशा करते थे, शराब पीते थे और वह भी अपने परिवार के लोगों को मारते पिटते थे इसलिए में भी ऐसा करता करता हूँ ।
उसी विद्वान व्यक्ति ने बड़े भाई से भी प्रश्न किया ? आप अपने जीवन में सभी चीजें इतने सही तथा सकारात्मक तरीके(positive way) से कैसे करते हैं ? और आपको यह सब करने के लिए प्रेरणा कहाँ से मिलती है ? उस बड़े भाई ने उत्तर दिया ! अपने पिता सेयह सुन कर वह विद्वान व्यक्ति सोच में पड़ गया और उसने दुबारा उससे पुछा ! कैसे ? तब उसने उत्तर दिया मेरे पिता बहुत ज्यादा नशा करते थे और अपने परिवार के लोगों को बहुत मारते पिटते थे तब मैंने पर्ण लिया कि जीवन में कभी भी ऐसा बुरा काम नहीं करूँगा और अपने परिवार को भी ऐसे नकारात्मक चीजों से दूर रखूंगादोनों भाइयों को एक ही स्रोत से प्रेरित विचार मिले परन्तु एक भाई ने उस प्रेरणा को नकारात्मक तरीके से लिया जिसके कारण उसने अपने जीवन को बर्बाद कर दिया । पर दूसरी ओर अगर हम देखें दुसरे भाई ने उसी प्रेरणा को सकारात्मक सोच में बदल कर अपने पुरे जीवन को सुखी बना दिया । इसलिए जरूरी है हमेशा सकारात्मक सोचें ताकि आप नकारात्मक चीज को भी सकारात्मक में बदल सकें
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