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भारत के उत्तर प्रदेश राज्य के मेरठ शहर में स्थित औघड़ नाथ मंदिर जिसे काली पलटन का मंदिर के नाम से भी जाना जाता है। इस मंदिर के बारे में ये कहाँ जाता है कि भारत की आजादी की पहली लड़ाई यही से शुरू हुई थी। मेरठ में अप्रैल १८५७ में क्रांति के सूत्रधारो के एक गुप्त दूत फ़क़ीर के वेश में यहाँ हिन्दुस्तानी को क्रांति का उपदेश देते थे इसी स्थान से मंदिर का पुजारी भी हिन्दुस्तानी सिपाहियों में चर्बी वाली कारतूसो के प्रयोग के विरुध उत्तेजना भरने का कार्य किया था। ये मंदिर मेरठ के काली पलटन क्षेत्र में स्थित होने के कारण इसे काली पलटन का मन्दिर कहते है। 1857 से पहले ये मंदिर श्रद्धा स्पद वंदनीय स्थान के नाम प्रसिद्ध था। और यहाँ भगवान शिव की वंदना की जाती थी। यहाँ का स्थान एकांत में था इसलिए अंग्रेजो ने यहाँ सेना के प्रशिक्षण के लिए केंद्र भी स्थापित किया था। सोमवार के दिन यहाँ भगतो का बड़ी संख्या में आना होता है। और यहाँ पर भगत बड़ी संख्या में पहुंचकर अपना सोमवार का उपवास तोड़ते है।
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