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कंप्यूटर एक ऐसी खोज है जिसने कुछ ही सालो में पूरी दुनिया के सोचने समंझने, काम करने तथा रहन सहन का तरीका भी बदलकर रख दिया है, इन सब को कंप्यूटर यूग की क्रांति माना जाने लगा है लेकिन ये कहना सही नहीं है की कंप्यूटर के खोज इस सदी में ही हुई है अंको और गणना करने के तरीको का प्रयोग मानव जाती के विकास के सुरु से ही होता रहा है सर्वप्रथम हाथो की उंगलियों का उपयोग गणना के लिए होता था इसके आलावा रेखाए खीचना और चित्र बनाना आदि को उपयोग होता था अभी तक के ज्ञात स्त्रोतों के आधार पर ये पता चलता है की शून्य की खोज भारत में ही हुई है प्राचीन खगोलशास्त्री और गणितज्ञ आर्यभट के द्वारा रचित खगोलशास्त्र का ग्रन्थ आर्यभटइय की संख्या प्रणाली में शून्य और उसे दर्शाने के लिए विशिष्ट संकेत सम्मिलित है बस तभी से संख्याओ को शब्दों में प्रदशित करने का चलन शुरू हुआ था एक भारतीय लेखक पिंगला ने वेद शास्त्र का वर्सन करने के लिए उन्नते गणितीय प्रणाली विकसित की और बाइनरी नंबर सिस्टम का सबसे पहले विवरण प्रस्तुत किया, कंप्यूटर शब्द का प्रयोग आधुनिक कंप्यूटर बनने से बहुत पहले से ही होता रहा है पहले बहुत जटिल गणनाओ को हल करने के लिए उपयोग होने वाले मशीनों को चलने वाले व्यक्ति को कंप्यूटर कहा जाता था एसी गणित की गणनाए जिन्हें जिन्हें करना मुस्किल ही नहीं बल्कि बहुत समय लेने वाला भी होता था को हल करने के लिए मचीनो का अविष्कार हुआ और समय के साथ साथ उनमे कई बदलाव ने कंप्यूटर के आधुनिकी कारण में खूब योगदान किया है
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