-->

क्या ख़ाते हैं दुनिया के सबसे ताकतवर इंसान?

Advertisemen
दुनिया के सबसे ताकतवर शख़्स बनने के दावेदार हैं, मार्क फेलिक्स. मार्क फेलिक्स 6 फीट 4 इंच लंबे हैं और उनका वजन है 133 किलोग्राम. 22 इंच की बायसेप उनकी टीशर्ट से बाहर निकलने को बेताब है. इतना ही नहीं पहली नजर में मार्क किसी अचल पहाड़ की तरह नज़र आते हैं.
दरअसल फ़ेलिक्स उन 12 लोगों में एक हैं जो इस महीने चीन में दुनिया के सबसे ताकतवर इंसानों के लिए होने वाली प्रतियोगिता में हिस्सा ले रहे हैं. ये प्रतियोगिता 17 से 24 अगस्त के बीच आयोजित होगी.
कम बोलने वाले मार्क फ़ेलिक्स ग्रेनाडा के हैं और सात बार दुनिया के सबसे ताकतवर शख़्स के लिए होने वाली प्रतियोगिता में हिस्सा ले चुके हैं. उनकी उम्र 47 साल की है और वे इस बार सबसे उम्रदराज़ प्रतियोगी हैं.
अपनी तैयारियों के बारे में उन्होंने बताया, "आपको सब कुछ झोंकना होता है. पावर लिफ्टिंग, ओलिंपिक लिफ्टिंग और बॉडी बिल्डिंग ट्रेनिंग सब कुछ करना होता है.”
(ग्रेट ब्रिटेन से भारत तक की पैदल यात्रा)
ताकत की मिसाल
आपको सबकुछ झोंकना होता है. पावर लिफ्टिंग, ओलिंपिक लिफ्टिंग और बॉडी बिल्डिंग ट्रेनिंग सबकुछ करना होता है.
मार्क फेलिक्स, सबसे मज़बूत शख़्स प्रतियोगिता के दावेदार
सबसे ताकतवर शख़्स की इस प्रतियोगिता में प्रतियोगी बड़े बड़े वाहन को अपनी ताकत से रोक लेते हैं. इस दौरान 454 किलोग्राम वजनी वाहन को 60 सेकेंड के अंदर 30 मीटर की दूरी तक रोकने का असंभव कारनामा भी दिखाना होता है.
इस प्रतियोगिता की शुरुआत 1977 में हुई थी. 1977 से लेकर 2012 के बीच इसे अब तक 18 लोग जीत चुके हैं. इस बार 12 लोग इस चैंपियनशिप को जीतने की दावेदारी कर रहे हैं.
फेलिक्स ने अपनी एक तस्वीर ट्वीट की है, जिसमें इस प्रतियोगिता के लिए उनकी तैयारियों में काम आने वाले सामानों से भरा उनका बक्सा है. इस बक्से में बादाम, चाकलेट, ब्लू बेरी, जौ के अलावा ख़ूब सारी एनर्जी ड्रिंक्स शामिल हैं.

फेलिक्स ने कहा, “मेरे पास ढ़ेर सारे मेवे, फल और सब्ज़ियां मौजूद है.” फ़ेलिक्स रोजाना छह बार भोजन करते हैं और इस दौरान साढ़े सात हजार कैलोरी ऊर्जा की खपत करते हैं.
इस प्रतियोगिता को लेकर हर जगह दिलचस्पी देखी जा रही है. एयरपोर्ट, होटल और मोटर वे सर्विस स्टेशन सब जगह इसकी चर्चा देखने को मिल रही है.
दरअसल फ़ेलिक्स ग्रेट ब्रिटेन की खेल की दुनिया में जाने पहचाने इंसान हैं. वे कई बार इन प्रतियोगिताओं से वक्त मिलने पर छोटे मोटी नौकरियां भी ग्रेट ब्रिटेन में करते रहे हैं.
तीन साल का कारनामा
फेलिक्स के साथ लायड रेनल्स भी इस प्रतियोगिता में हिस्सा ले रहे हैं. सिर पर बाल नहीं हैं लेकिन दाढ़ी बढ़ी हुई है. उनकी पिंडली कई लोगों के जांघ जितनी ताकतवर दिखती हैं.
वे जब अपने पॉकेट से मोबाइल फ़ोन निकालते हैं, तो उनके हाथों में मोबाइल फोन बेहद छोटे उपकरण के तौर पर नजर आता है.

रेनल्स का ताकतवर शख्स की प्रतियोगिताओं में हिस्सा लेने का करियर महज तीन साल पुराना है. उनकी कामयाबियों का ग्राफ़ लंबा चौड़ा है. दो साल पहले वे इंग्लैंड के सबसे ताकतवर इंसान की प्रतियोगिता जीत चुके हैं. बीते साल ग्रेट ब्रिटेन के सबसे ताकतवर इंसानों की प्रतियोगिता में वे दूसरे स्थान पर रहे थे. वे लॉरेंस शाहलेइ से हार गए थे.
हालांकि रेनल्स को इस प्रतियोगिता में हिस्सा लेने के दौरान उपकरणों को ढोने में परेशानी महसूस होती है.
इसके अलावा उन्हें मीठा खाना भी ख़ूब पसंद है. वे कहते हैं, “मैं कोशिश कर ख़ुद पर नियंत्रण रखता हूं. मुझे कितना प्रोटीन लेना चाहिए, इसका ध्यान रखता हूं. मैं ख़ूब सारा मीठा खाना पसंद करता हूं. इससे मेरा वजन भी तेजी से बढ़ जाता है. मुझे चॉकलेट बेहद पसंद है.”
(रोजाना सौ मील साइकिल चलाने वाला शख़्स)
'यात्रा नहीं यातना'
इन सबके अलावा भी मुश्किलें कम नहीं होतीं. प्रतियोगिताओं में हिस्सा लेने के लिए दूर दराज़ की यात्राएं करनी होती हैं और इस दौरान खान पान का ख़्याल रखना भी कम चुनौतीपूर्ण नहीं होता.
वे कहते हैं, “बायसेप में दर्द होने लगता है. लेकिन आपको फिर से दूसरी प्रतियोगिता के लिए बढ़ना होता है. यह आसान नहीं होता है.”
वैसे तो हर प्रतियोगिता के अपने ख़तरे भी होते हैं. वे कहते हैं, “फ़ीजियो के तौर पर बोलूं तो यह डराने वाला होता है लेकिन प्रतियोगी के तौर पर कहूं तो ये एकदम ठीक है.”
मुझे कितना प्रोटीन लेना चाहिए, इसका ध्यान रखता हूं. मैं ख़ूब सारा मीठा खाना पसंद करता हूं. इससे मेरा वजन भी तेजी से बढ़ जाता है. मुझे चॉकलेट बेहद पसंद है.
लॉयड रेनल्स, सबसे ताकतवर शख्स की प्रतियोगिता के दावेदार
लगातार यात्रा करने से भी शरीर पर असर पड़ता है. घरेलू प्रतियोगिताओं में हिस्सा लेने के लिए भी काफी यात्रा करनी होती है. इतने भारी भरकम शरीर के साथ कारों में यात्रा करना भी यातना से कम नहीं होता.
रेनल्स कहते हैं, “यात्रा करना भी काफी मुश्किल है. जब आप को इंतजार नहीं भी करना पड़ रहा हो तो भी हवाई जहाज़ में यात्रा करना मुश्किल भरा है क्योंकि वे हमारी तरह डिजाइन नहीं किए गए हैं.”
हवाई यात्रा की मुश्किल
अमरीका के सबसे ताकतवर शख़्स रॉबर्ट ओबरेस्ट कहते हैं, “हवाई यात्रा तो बेहद क्रूर होती है, लेकिन हमारे बगल में जो बैठा होता है उसके लिए भी ये भयानक अनुभव होता है.”
दाढ़ी भरे चेहरे में ओबरेस्ट का वजन 400 पाउंड है यानि करीब 182 किलोग्राम. एक झटके से वे 400 किलोग्राम के वज़न को उठा सकते हैं. उनके बाएं हाथ पर उनकी पत्नी की बनाई एक हैंड प्रिंट वाला टैटू मौजूद है.

कैलिफोर्निया से वे गेटशेड तक पहुंचना उनके लिए चुनौती साबित हुआ. ओबरेस्ट कहते हैं, “हवाई जहाज की अटेंडेंट का व्यवहार अच्छा रहा. उन्होंने मुझे खड़ा होने दिया.”
ओबरेस्ट कहते हैं कि जब उन्हें हवाई जहाज में थोड़ी ज्यादा जगह वाली सीट मिल जाती है तो वे लकी महसूस करते हैं.
मैं रोजाना 1.6 किलोग्राम मीट खाता हूं, छह कप चावल और पास्ता खाता हूं. हालांकि इसमें डेयरी का कोई प्रॉडक्ट नहीं होता है. मैं ख़ूब प्रोटीन लेता हूं.
रॉबर्ट ओबरेस्ट, अमरीका के सबसे ताकतवर शख़्स
ओबरेस्ट अमरीकन फ़ुटबॉल टीम में शामिल रहे. एक बार में उन्होंने बाउंसर के तौर पर काम भी किया. वहीं उन्हें किसी ने सबसे ताकतवर इंसानों के लिए होने वाली प्रतियोगिता के बारे में बताया. इसके बाद उनकी ज़िंदगी बदल गई.
7 हज़ार कैलोरी का भोजन
ओबरेस्ट रोजाना ख़ूब खाते हैं. वे कहते हैं, “मैं रोजाना 1.6 किलोग्राम मीट खाता हूं, छह कप चावल और पास्ता खाता हूं. हालांकि इसमें डेयरी का कोई प्रॉडक्ट नहीं होता है. मैं ख़ूब प्रोटीन लेता हूं.”
ओबरेस्ट कहते हैं, “मैं हर चार सप्ताह में एक दिन छुट्टी लेता हूं उस दिन मेरा मन जो होता है, वो खाता हूं.”
इन सब भारी भरकम लोगों में एक हैं ल्यूक स्टॉल्टमैन. 28 साल के स्टॉल्टमैन इन लोगों से थोड़े अलग नजर आते हैं. ल्यूक का वजन 133 किलोग्राम है.

ल्यूक का खानपान थोड़ा महंगा है. वे पांच हजार से सात हजार कैलोरी का भोजन रोजाना करते हैं, इसमें पास्ता, चिकेन और ग्रीन बींस शामिल हैं.
गेटशेड्स कंपीटिशन से पहले ल्यूक के नाश्ते में तीन भुने हुए अंडे, दो ब्राउन टोस्ट, बींस और अन्न और फलों का मिश्रण शामिल है.
ल्यूक पहली बार किसी प्रतियोगिता को गंभीरता से ले रहे हैं. स्कॉटलैंड के सबसे ताकतवर इंसानों की अपनी पहली ही प्रतियोगिता वे जीतने में कामयाब रहे.
हालांकि इन प्रतियोगिताओं में हिस्सा लेने वाले लोग सिर्फ इससे होने वाली कमाई के जरिए अपना जीवन यापन नहीं कर सकते. रेनल्स का ही उदाहरण लीजिए प्रतियोगिता के दो दिन के बाद ही वे मरीजों का इलाज़ करने में जुट जाते हैं और स्टॉल्टमैन भी अपने काम पर लौट आते हैं.
ज़ाहिर है दुनिया के सबसे ताकतवर लोगों के लिए भी ज़िंदगी आसान नहीं होती.
(बीबीसी हिंदी का एंड्रॉयड मोबाइल ऐप डाउनलोड करने के लिए क्लिक करें. आप ख़बरें पढ़ने और अपनी राय देने के लिए हमारे फ़ेसबुक पन्ने पर भी आ सकते हैं और ट्विटर पर फ़ॉलो भी कर सकते हैं.)
>