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हाइकू प्रोजेक्ट :-
सोर्स ने बहुत लम्बा सफर तय किया है। हाइकू कम्युनिटी ने लम्बी रिसर्च के बाद इसे रेडेवेलप करके मार्किट में लांच किया है। यह अब मुलती कोर प्रोसेसर के साथ अधिक तेजी से काम करता है। इसका साइज केवल 250 MB है। और इस का यूजर इंटरफ़ेस बहुत ही आसान है। यूजर चाहे तो इसकी वर्चुअल मशीन इमेज भी इंसटाल कर सकते है। अधिक जानकारी के लिए haiku-OS.org से संपर्क कर सकते है।
गूगल क्रोम ओएस:-
गूगल का ये वेब बेस ऑपरेटिंग सिस्टम एक एडवांस OS है। और ये OS फ्री भी उपलब्ध है लेकिन इस ऑपरेटिंग सिस्टम को गूगल ने खुद नहीं बनाया है। इस OS को फ्रीलान्स प्रोग्रामर्स ने बनाया है। इस ऑपरेटिंग सिस्टम को खास रूप से नोटबुक के लिए डिसीजन किया गया है। यह क्रोम ब्राउज़र के कस्टमाइज Version पर रन करता है। ये विण्डोज़ की अनुपस्थिति में यूजर्स के लिए एक उपयोगी ऑपरेटिंग सिस्टम होगा। गूगल ने इस ऑपरेटिंग सिस्टम को सपोर्ट करने वाली क्रोम बुक भी लॉन्च की है। इस ऑपरेटिंग सिस्टम के वेनिला वर्जन को डाउनलोड करने की लिए http://chromeOS.nexxeh.net लिंक का प्रयोग कर सकते है। इसकी ऍप्लिकेशन्स को Google Suit से डाउनलोड कर सकते है।
फ्री बी एस डी :-
आज विण्डोज़ की लोकप्रियता के बावजूद भी लिनेक्स को चाहने वाले यूजर कम नहीं है। लेकिन अब यूजर इसमें विण्डोज़ का विकल्प तलासने लगे है। ये कुछ विंडोज की तरह ही है। लेकिन इसका सेक्युरिटी सिस्टम हैकिंग प्रूफ और वायरस प्रोफ होता है। इसमें यूजर इंटरफ़ेस विंडोज के XP की तरह का है। लेकिन फिर भी पर विंडोज की ऍप्लिकेशन्स को सीधे सीधे रन नहीं करायी जा सकते है। अगर आपको विंडोज ऍप्लिकेशन्स को इसपर चलना है तो आपको आपने सिस्टम पर वाइन अप्स डाउनलोड कर इनस्टॉल करना होगा। अब आप लिनेक्स पर विंडोज अप्स चलायी जा सकेगी।
आप इस ऑपरेटिंग सिस्टम पर ओपन ऑफिस या लिब्री ऑफिस भी रन कर सकते है। इस OS को www.linuxmini.com के डाउनलोड कर सकते है। इस प्रकार आप माइक्रोसॉफ्ट के OS के लिए तकनिकी सहायता न मिल पाने की स्थिति उपयुक्त बताये गए ऑपरेटिंग सिस्टम को ट्राई कर सकते है। ये विकल्प सेफ भी है। और फ्री भी है। इस ऑपरेटिंग सिस्टम में वायरस नहीं आता है और इसमें हैकिंग से बचने के भी अधिक फीचर्स अवेलेबल है। जो इस आपने में खास बनाते है।
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