Advertisemen
पेठा (Benincasa hispida)
पेठा को हम एक सब्जी के रूप में अपने खाने में प्रयोग करते हैं साथ ही साथ इसके कई तरह की मिठाइयाँ भी बनाई जाती है। परंतु शायद बहुत सारे लोग इसके औषधीय गुणों से अनजान है। पेठे के फायदे अनेक है। प्रस्तुत है पेठे के कुछ फायदे और घरेलू नुस्खे। Benefits of Winter Melon/Winter Gourd in hindi. Pethe ke fayde aur iske gharelu ewam desi nuskhe.

रक्तस्राव ( आंतरिक या बाह्य ) :- पेठे के फल का ताजा रस और आँवला या नींबू का रस बराबर मात्रा में मिला कर 30 मि०ली० दिन में दो बार कुछ दिनों तक सेवन करते रहें ।
वनस्पति का विष, पारे (Murcury) का विष और अल्कोहल विष के प्रतिहारक :- पेठे के फल का एक कप ताजा रस पिलाए ।
पेट का फोड़ा, गठिया :- पेठे के 1/2 ग्लास रस में 1 /2 ग्लास पानी मिला कर सबेरे खाली पेट में सेवन करें । दवाई लेने के बाद 2 -3 घटों तक कुछ भी चीज नहीं खाएँ-पिएँ ।
अनिद्रा :- पेठे के फल का आधा ग्लास रस सोने के पहले पिएँ ।
रूसी :- फल का छिलका और एक मुट्ठी बीज लेकर नारियल तेल मैं उबाल कर केश तेल तैयार कों । इसको सिर पर प्रतिदिन लगाएँ ।
खाँसी, यौन कमजोरी :- पेठे का 60 मि०ली० ताजा रस दिन में तीन चार सेवन करें ।
मिर्गी :- पेठे के 60 मि०ली० रस में 1/2 चम्मच जेठिमध (मुलैठी) का चूर्ण मिला कर पिएँ ।
मधुमेह:- (a) पेठे का आधा ग्लास रस दिन में दो बार पिएँ ।
(b) फल का रस और बेल के पत्ते का रस बराबर मात्रा में मिला कर 15 मि०ली० (एक बड़ा चम्मच) दिन में दो बार पिएँ ।
मूत्र रोग :- फल के आधा ग्लास रस में चीनी या शहद मिला कर पिएँ ।
पेशाब में रुकावट :- फल के गूदे की लेई तैयार कर पेट के निचले भाग पर लगा दें।
मसा (corns) :- पौधे की डंडी को जलाकर उसकी राख मदार ( अकौन) के दूध में मिला कर लगाएँ ।
बाल झंड़ना :- पेठे का रस और गाजर का रस बराबर भात्रा में मिला कर आधा ग्लास प्रतिदिन पिएँ ।
चर्मरोग ( दाग ) :- पेठे की डंडी को जलाकर उसकी राख को गोमूत्र में मिला कर लगाएं।
पेठा को हम एक सब्जी के रूप में अपने खाने में प्रयोग करते हैं साथ ही साथ इसके कई तरह की मिठाइयाँ भी बनाई जाती है। परंतु शायद बहुत सारे लोग इसके औषधीय गुणों से अनजान है। पेठे के फायदे अनेक है। प्रस्तुत है पेठे के कुछ फायदे और घरेलू नुस्खे। Benefits of Winter Melon/Winter Gourd in hindi. Pethe ke fayde aur iske gharelu ewam desi nuskhe.

रक्तस्राव ( आंतरिक या बाह्य ) :- पेठे के फल का ताजा रस और आँवला या नींबू का रस बराबर मात्रा में मिला कर 30 मि०ली० दिन में दो बार कुछ दिनों तक सेवन करते रहें ।
वनस्पति का विष, पारे (Murcury) का विष और अल्कोहल विष के प्रतिहारक :- पेठे के फल का एक कप ताजा रस पिलाए ।
पेट का फोड़ा, गठिया :- पेठे के 1/2 ग्लास रस में 1 /2 ग्लास पानी मिला कर सबेरे खाली पेट में सेवन करें । दवाई लेने के बाद 2 -3 घटों तक कुछ भी चीज नहीं खाएँ-पिएँ ।
अनिद्रा :- पेठे के फल का आधा ग्लास रस सोने के पहले पिएँ ।
रूसी :- फल का छिलका और एक मुट्ठी बीज लेकर नारियल तेल मैं उबाल कर केश तेल तैयार कों । इसको सिर पर प्रतिदिन लगाएँ ।
खाँसी, यौन कमजोरी :- पेठे का 60 मि०ली० ताजा रस दिन में तीन चार सेवन करें ।
मिर्गी :- पेठे के 60 मि०ली० रस में 1/2 चम्मच जेठिमध (मुलैठी) का चूर्ण मिला कर पिएँ ।
मधुमेह:- (a) पेठे का आधा ग्लास रस दिन में दो बार पिएँ ।
(b) फल का रस और बेल के पत्ते का रस बराबर मात्रा में मिला कर 15 मि०ली० (एक बड़ा चम्मच) दिन में दो बार पिएँ ।
मूत्र रोग :- फल के आधा ग्लास रस में चीनी या शहद मिला कर पिएँ ।
पेशाब में रुकावट :- फल के गूदे की लेई तैयार कर पेट के निचले भाग पर लगा दें।
मसा (corns) :- पौधे की डंडी को जलाकर उसकी राख मदार ( अकौन) के दूध में मिला कर लगाएँ ।
बाल झंड़ना :- पेठे का रस और गाजर का रस बराबर भात्रा में मिला कर आधा ग्लास प्रतिदिन पिएँ ।
चर्मरोग ( दाग ) :- पेठे की डंडी को जलाकर उसकी राख को गोमूत्र में मिला कर लगाएं।
Add Comments